धन केसरी

धन केसरी

धन कसर: एक उममद क परतकधन कसर यह नम ह अपन आप म एक शकत क परतक ह धन क अरथ ह सपतत, समदध, और कसर क अरथ ह सह यह नम एक ऐस वयकत क परतनधतव करत ह ज धन क तलश म सह क तरह बहदर और दढ हधन कसर जवन म सफलत और समदध क चह रखन वल हर वयकत क परतक ह वह हर चनत क समन करन क लए तयर रहत ह और अपन लकषय क परपत करन क लए कड महनत करत ह धन कसर क जवन एक सघरष स भर सफर ह, जसम वह अपन लकषय तक पहचन क लए अथक परयस करत हधन क ललच एक नकरतमक भवन ह सकत ह, लकन धन कसर धन क एक मधयम क रप म दखत ह वह समदध क मधयम स अपन जवन और अपन क जवन क बहतर बनन चहत ह वह समज म यगदन करन चहत ह, और अपन धन क उपयग अचछ कम क लए करन चहत हधन कसर क जवन सखत ह क कठन परशरम और दढ सकलप क जरए हर लकषय हसल कय ज सकत ह वह हम पररत करत ह क हम भ अपन सपन क पर करन क लए कड महनत कर और अपन कषमत क उपयग करक एक बहतर जवन नरमण कर धन कसर नम एक उममद क परतक ह, एक जवन जन क पररण यह हम जवन म समदध क सथसथ मनवत और समज क परत जममदर क भ पथ दखत ह

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